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Tuesday, August 3, 2010

कौन कहता है, फिल्म राइटर्स का अकाल है!

रविवार की सुबह सिनेमैक्स अंधेरी के निकट एक होटेल में आयोजित फिल्म राइटर्स असोसिएशन की वार्षिक आमसभा (एजीएम) में कहीं तिल रखने की भी जगह नहीं थी। भीड़ का ऐसा आलम कि कई पूर्ण समन्वितबुजुर्ग सदस्यों को गेट के अंदर घुसने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। राजेंद्र ओझा को तो मतदान में भाग लिए बिना ही घर लौटने का फैसला करना पड़ा। जाते-जाते उनके मुंह से निकला,'कौन कहता है, फिल्म इंडस्ट्री में राइटर्स का अकाल पड़ा है! यहां तो राइटर्स की बाढ़ आई हुई है।'

फिल्म राइटर्स असोसिएशन के पुराने सदस्यों ने भी माना कि एजीएम और चुनाव में ऐसी भीड़ पहले कभी नहीं देखी गई। पहले चुनावी उम्मीदवारों के मान-मनुहार के बाद भी मुश्किल से दो-तीन सौ सदस्य जुटते थे, लेकिन हाल के वर्षों में सदस्य काफी उत्साहित नार आने लगे हैं। बढ़ती भीड़ की वजह से सभास्थल धीरे-धीरे बड़ा होता गया और अब होटेल का हॉल भी छोटा पड़ने लगा है। गीतकार सुधाकर शर्मा का कहना है कि टीवी उद्योग के विस्तार के कारण सदस्यों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है और नतीजतन एजीएम में भी लेखकों की भीड़ बढ़ी है।

गीतकार समीर की राय हालांकि अलग है। उन्होंने कहा,'यह भीड़ दरअसल लेखकों की जागरूकता का प्रतीक है और यह एक शुभ संकेत है। कॉपीराइट का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है इसलिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा सदस्य सक्रिय हों। भीड़ कहीं से भी आए, आ तो रही है।' समीर की चेन्नई में सिटिंग थी इसलिए न तो मीटिंग में भाग ले सके, न ही चुनाव में।

उधर, हॉल के बाहर सदस्यों से वोट के लिए संपर्क साध रहे धनंजय कुमार का कहना था,'माहौल बदला है। नई पीढ़ी के लेखकों में जागरूकता आई है और लेखकों के हित की बात सरकार के समक्ष पूरी ताकत के साथ रखने के लिए जरूरी है कि असोसिएशन में भागीदारी करें। पहले आम धारणा यह थी कि केवल रिटायर्ड लोग ही असोसिएशन में आते हैं, लेकिन अब युवा लेखकों में भी अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने की दिलचस्पी जगी है। डाइरेक्शन और साउंड इंजीनियरिंग के असोसिएशनों में भी युवाओं का पार्टिशिपेशन बढ़ा है।'

करीब 2000 की सदस्य संख्या वाले फिल्म राइटर्स असोसिएशन की इस मीटिंग में रविवार को 850 से अधिक सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज कराई। लेखन जगत की अनेक जानी-मानी हस्तियां युवा लेखकों के लिए आकर्षण का केद्र थीं। उम्मीदवारों में जहां जलीस शेरवानी, बी.आर.इशारा, इम्तियाज हुसैन, अशफा.क खोपेकर, अंजुम रजब अली, सुधाकर शर्मा, इब्राहीम अश्क, कमलेश पांडे, पं. राज जोशी, नीता कृपलानी, संतोष सरोज, अतुल तिवारी, जगमोहन कपूर, धनंजय कुमार, ललन कुमार कंज, कुक्कू प्रभास जैसे चेहरे थे तो वोट के लिए कतार में लगे प्रकाश झा, लेख टंडन, गोविंद निहलानी, नक्श लायलपुरी, जॉन मथाई मैथ्यू, के.शैलेंद, कपिल कुमार, विजय अकेला, दिलीप गुलाटी, अब्बास टायरवाला, संजय मासूम, मंजुल सिन्हा, संजय छेल, शिशिर मिश्रा, अशोक पंडित, चाचा चौधरी जैसे लोग दिखाई दिए( मिथिलेश सिन्हा,मुंबई,नवभारत टाइम्स,2.8.2010) )।

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