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Friday, February 5, 2010

ताहिर हुसैन के बेटे हैं आमिर

मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने फिल्म निर्माता ताहिर हुसैन के निधन की दुखद खबर न्यूज चैनलों के माध्यम से मंगलवार को ही मिल गई थी। खबर मिलते ही उनके द्वारा बनाई गई कुछ मुख्य फिल्में अनायास ही याद आ गई। उनके कार्यो की याद ही एक तरह से श्रद्धांजलि भी कही जा सकती है, लेकिन अगले दिन बुधवार को अखबारों में बॉलीवुड सुपर स्टार आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन के निधन की खबर पढ़ी तो यह खबर पढ़कर उनके निधन से भी ज्यादा दु:ख हुआ। बात एक ही है, लेकिन दोनों खबरों का अर्थ अलग है। खबर पढ़ते ही दिमाग में स्वत: ही प्रश्न उठने लगा कि ताहिर हुसैन किसी परिचय के मोहताज थे, जो अखबारों ने उनके नाम से पहले बेटे का नाम जोड़ना उचित समझा। ताहिर हुसैन के बेटे आमिर खान मुंबइया फिल्मों के सुपर स्टार कहे जाते हैं। फिल्मों के कारण वह देश और दुनिया में जाने जाते हैं। पर ऐसा भी नहीं है कि ताहिर हुसैन की पहचान बेटे आमिर खान के कारण ही है। ताहिर हुसैन का भी मुंबइया फिल्मों के लिए दिया गया योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। वह मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से उस दौर में जुड़ गए थे, जब फिल्में किसी आश्चर्य से कम नहीं लगती थीं। उन्होंने फिल्मी सफर बतौर अभिनेता 1961 में फिल्म जब प्यार किसी से होता के माध्यम से शुरू किया था। बाद में उन्होंने दो और फिल्मों में भी अभिनय किया। उनका अभिनय देश भर में सराहा गया। युवक या युवतियों के वह उस दौर में चहेते बने। इसके बाद वह फिल्म निर्माता बन गए। उन्होंने कई सुपर हिट फिल्में दीं, जिनमें कारवां, अनामिका, जख्मी, हम हैं राही प्यार के जैसी फिल्मों को कभी नहीं भुलाया जा सकता। इसके अलावा उन्होंने अपनी उपस्थिति निर्देशन और लेखन में भी दर्ज कराई। वर्ष 1990 में रिलीज हुई फिल्म तुम मेरे हो की उन्होंने स्कि्रप्ट ही नहीं लिखी, बल्कि निर्देशन भी किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी ताहिर हुसैन के निधन के बाद भी मीडिया ने अन्याय कर दिया। ताहिर हुसैन सिने प्रेमियों के दिल में हमेशा रहेंगे। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री का जब-जब जिक्र किया जाएगा, ताहिर हुसैन के योगदान को भी प्रमुखता से याद किया जाता रहेगा और जब-जब ताहिर हुसैन को याद किया जाएगा, यह भी कहा जाएगा कि आमिर खान ताहिर हुसैन के ही बेटे हैं। आमिर खान आज प्रसिद्धि की बुलंदियों पर हैं। हो सकता है वह आगे चलकर फिल्मों में और भी बेहतर कार्य करें। रिकार्ड भी बना दें। पर उनकी किसी भी तरह की प्रसिद्धि या रिकॉर्ड का असर दिवंगत ताहिर हुसैन की प्रसिद्धि पर कभी नहीं पड़ेगा
(बीपी गौतम,दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,5.2.10)

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